थरार... थरार...
प्रसंग... प्रसंग...
कोसळ...कोसळ...
आभाळ...आभाळ...
भयच...भयच...
मनातून!
मार्गस्थ...मार्गस्थ...
भटके...भटके...
सुटले...सुटले...
आयुष्य...आयुष्य...
हातातून!
कोण...कोण...
कुठे...कुठे...
वादळ..वादळ..
दिशाहीन...दिशाहीन...
हृदयातून!
साद...साद...
आलीच...आलीच...
कर्कश...कर्कश...
सांजवेळ...सांजवेळ...
कर्णातून!
जगणं...जगणं...
मरणं...मरणं...
यातना...यातना...
भळाळ...भळाळ...
व्रणातून!
सावर...सावर...
आवेग...आवेग...
पाझर...पाझर...
थेंबच...थेंबच...
नेत्रातून!
हिमांशु डबीर
19-08-2013
Monday, August 19, 2013
Wednesday, August 14, 2013
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
बाबा गेल्यानंतर आईची मनस्थिती शब्दबद्ध करायचा हा एक प्रयत्न..
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नयनातून पाझर...
काळजातून घोर...
कानातून साद...
हृदयातून तरंग...
तरी हा शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नाना प्रसंग...
कंपित काळीज...
चर्या निर्धार...
अवघाच कोलाहल... तरी हा...
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नियतीची भूल...
जीव घालमेल...
सावर सावर... आभाळ... आभाळ ...
विस्कळीत अवघे... तरी हा....
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
हिमांशु डबीर
14-8-2013
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नयनातून पाझर...
काळजातून घोर...
कानातून साद...
हृदयातून तरंग...
तरी हा शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नाना प्रसंग...
कंपित काळीज...
चर्या निर्धार...
अवघाच कोलाहल... तरी हा...
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नियतीची भूल...
जीव घालमेल...
सावर सावर... आभाळ... आभाळ ...
विस्कळीत अवघे... तरी हा....
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
हिमांशु डबीर
14-8-2013
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
बाबा गेल्यानंतर आईची मनस्थिती शब्दबद्ध करायचा हा एक प्रयत्न..
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नयनातून पाझर...
काळजातून घोर...
कानातून साद...
हृदयातून तरंग...
तरी हा शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नाना प्रसंग...
कंपित काळीज...
चर्या निर्धार...
अवघाच कोलाहल... तरी हा...
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नियतीची भूल...
जीव घालमेल...
सावर सावर... आभाळ... आभाळ ...
विस्कळीत अवघे... तरी हा....
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
हिमांशु डबीर
14-8-2013
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नयनातून पाझर...
काळजातून घोर...
कानातून साद...
हृदयातून तरंग...
तरी हा शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नाना प्रसंग...
कंपित काळीज...
चर्या निर्धार...
अवघाच कोलाहल... तरी हा...
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
नियतीची भूल...
जीव घालमेल...
सावर सावर... आभाळ... आभाळ ...
विस्कळीत अवघे... तरी हा....
शांत डोह... डहुळ...डहुळ...!
हिमांशु डबीर
14-8-2013
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